राँची से सटे ओरमांझी प्रखंड के चूटूपालू क्षेत्र में जहां पत्थर माफियाओं का क्रूर तांडव जारी है,वे सरेआम प्राकृतिक सौंदर्य-वन संपदा को भ्रष्ट व निकम्मे शासन व्यवस्था की सांठ-गांठ से नष्ट कर रहे हैं,उसकी सुध लेने वाला कोई नहीं है. दूसरी तरफ यहाँ एक और माफिया वर्ग ने अपनी जकड़ मजबूत कर ली है और वह वर्ग है स्थानीय पुलिस-प्रशासन की मिलीभगत से निजी तेल कंपनियों को भारी चूना लगानेवाला.
गौर से देखिये इन चित्रों को. यह स्थान “तेलकटवा” गिरोह का एक प्रमुख जगह मानी जाती है.यहाँ तेल टैंकरों के ड्राईवरों को मामूली कीमत देकर या डरा-धमका कर भारी पैमाने पर डीजल/पेट्रोल की हेरा-फेरी की जाती है और माफियाओं द्वारा बाजारू कीमत से कम दर पर बेची जाती है. इन सबकी जानकारी तेल कंपनियों,उसके प्रतिनिधियों व पेट्रोलपंपों के मालिकों को होने के बाबजूद इस गोरखधंधे का दिन पर दिन फलते-फूलते जाना अनेक रहस्य भी प्रकट करतें है.
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रविवार, 30 मई 2010
पत्थर माफियाओं के राज में “तेलकटवा” गिरोह का आतंक
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